मधुमक्खी के डंक का उपचार और उसके लक्षण

मधुमक्खी के डंक का उपचार और उसके लक्षण

मधुमक्खी के डंक का उपचार और उसके लक्षण [Honey Bee Sting Treatment and Symptoms in Hindi]

मधुमक्खी हमारे खाद्य श्रंखला का एक बहुत ही आवश्यक अंग है. हम अपने घर के आस पास या किसी बगीचे में इनके छत्ते आसानी से पा सकते हैं. हालाँकि इन छत्तों से प्राप्त मधु बहुत ही लाभदायक और स्वादिष्ट होता है, किन्तु इनके डंक से अच्छे अच्छे लोगों की तबियत खराब हो जाती है. हालाँकि इनके डंक से उत्पन्न जलन और दर्द से कम करने के लिए यहाँ उपयोगी लाभकारी घरेलू नुस्खे दिए जा रहे हैं जिससे आपको इससे राहत प्राप्त हो सकती हैं :

[toc]

मधुमक्खी के डंक का उपचार (Honey Bee Sting Treatment Home Remedy in hindi)

इसके कुछ आवश्यक उपाचार का वर्णन नीचे किया जा रहा है :

  1. मधु/शहद का प्रयोग : शहद के प्रयोग से इसमें राहत प्राप्त की जा सकती है. जिस जगह आपको मधुमक्खी ने काटा हो सबसे पहले उस स्थान को अच्छे से साफ़ करें. ध्यान दें कि कोई भी स्टिंग काटे हुए स्थान पर न रह सके. इसके बाद इस स्थान पर ओरिजिनल शहद का उपयोग करें और एक लूज बैंडेज से बाँध दें.
  2. बेकिंग सोडा : मधुमक्खी काटने पर बेकिंग सोडा का उपयोग भी आपको तात्कालिक राहत दे सकता है. शरीर के जिस भाग में मधुमक्खी ने डंक मारा हो, उस भाग में आप बेकिंग सोडा और पानी को मिला कर बनाया गया पेस्ट लगाएं. इसे कुछ समय (लगभग 10-15 मिनट) के लिए ऐसे ही छोड़ दें. यदि आपको इससे राहत नहीं मिलती है, तो पुनः बेकिंग सोडा और जल का पेस्ट बना कर उस स्थान पर लगाएं.
  3. एप्पल विनेगर : एप्पल विनेगर भी ऐसे समय पर कारगर हो सकता है. मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर आप इस विनेगर की कुछ बूंदें डाल कर कुछ समय के लिए छोड़ दीजिये. इससे आपको जल्द और दर्द से राहत मिलनी शुरू हो जायेगी. यदि आप चाहें तो किसी साफ़ कपडे को इस विनेगर में भिगो कर भी मधुमक्खी के काटे हुए स्थान पर रख सकते हैं.
  4. टूथपेस्ट : टूथपेस्ट का प्रयोग भी मधुमक्खी के डंक से राहत देने में काफ़ी लाभदायक होता है. कुछ लोगों का मानना है कि इसमें दिया गया एल्कलाइन तत्व मधुमक्खी के डंक की अम्लीय प्रवृत्ति को शांत करता है और लोगों को इससे राहत प्राप्त होती है. चूँकि टूथपेस्ट हमेशा घर में मौजूद रहता है, अतः ऐसी स्थिति आने पर इसका प्रयोग करना आसान होगा.मधुमक्खी के डंक का उपचार और उसके लक्षण
  5. मीट टेंडराइज़र : मीट टेंडराइज़र एक विशेष तरह का एंजाइम पाया जाता है, जिसे पापिन (papain) कहते हैं. एक बाग़ मीट टेंडराइज़र में चार भाग पानी मिला कर इस घोल को मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर लगाएं. इससे दर्द और इचिंग कम होने लगती है.
  6. एस्पिरिन टेबलेट : एस्पिरिन टेबलेट अधिकतर समय सर दर्द बुखार आदि के लिए प्रयोग किया जाता है. एस्पिरिन टेबलेट को तोड़ कर अथवा इसका हल्का पेस्ट बना कर यदि मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर लगाया जाए तो दर्द तथा इचिंग से राहत प्राप्त होती है.
  7. कुछ विशेष जड़ी बूटी और तेल : कुछ ऐसे विशेष जड़ी बूटी और तेल हैं, जिसके प्रयोग से मधुमक्खी के डंक से होने वाले दर्द और जलन से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है, यहाँ पर ऐसी चीज़ों का संक्षिप्त वर्णन दिया जा रहा है,
  • एलो वेरा : एलो वेरा का प्रयोग अक्सर चमड़ी के उपचार के लिए किया जाता है. इसके प्रयोग से त्वचा नर्म हो जाती है. यदि आपके पास एलो वेरा का पौधा है, तो इसके एक पत्ते को तोड़ कर इसे मधु मक्खी के काटे हुए स्थान पर निचोड़ें. ऐसा करने से दर्द और जलन में काफ़ी कमी आ जाती है. स्किन के लिए एलोवेरा काफी फायदेमंद होता है.
  • कालेंड्यूला क्रीम : यह एक तरह का एंटीसेप्टिक है, जिसका प्रयोग मुख्यतः छोटे मोटे घावो के उपचार के लिए किया जाता है. इसे सीधे उस स्थान पर लगाएं जहाँ पर मधुमक्खी ने काटा हो.
  • लैवेंडर का तेल : लैवेंडर का तेल भी मधुमक्खी के डंक के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है. आप लैवेंडर के तेल के साथ ओलिव आयल अथवा नारियल तेल मिलाकर मधुमक्खी के डंक वाले स्थान पर लगाएं, इससे खूब राहत प्राप्त होती है.

उपरोक्त तेल के अलावा टी आयल और विच हेज़ल का भी प्रयोग मधुमक्खी के डंक के उपचार के लिए किया जा सकता है|

इन सभी के अलावा आप आलू, अजवाइन की पत्तियां, पपीता, तुलसी की पत्ति, राई तेल, प्याज, लहसुन का रस आदि चीजों का उपयोग कर भी मधुमक्खी के डंक से राहत पा सकते हैं. ये चीजें घर पर आसानी से उपलब्ध भी होती है|

सूजन कैसे कम करें (Bee Sting Swelling Treatment)

मधुमक्खी काटने से काटे हुए स्थान पर सूजन होने लगती है. इस सूजन को कम किया जा सकता है. मधुमक्खी काटते ही सबसे पहले काटे हुए स्थान पर बर्फ रगड़ना शुरू करें. बर्फ के रगड़ने से सूजन में कमी रहती है और जलन भी काफ़ी कम होती है. यदि काटे हुए स्थान पर किसी तरह के जेवर गहने जैसे अंगूठी, ब्रेस्लेट आदि हों, तो आप उसे जल्द से जल्द उतार दें, क्यों की सूजन आ जाने के बाद इसे उतारने में काफ़ी परेशानी होती है.  

डॉक्टर के पास कब जाएँ (Bee Sting Doctor’s Advice)

अधिकांश समय मधुमक्खी के डंक के उपचार के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ता है. उपरोक्त दिए गये उपचारों पर अमल करने से ही इससे राहत प्राप्त हो सकती है. हालाँकि यदि आपको मधुमक्खी काट लेने के बाद एलर्जी आदि की समस्या होती है, तो आपका डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है. अथवा यदि उपरोक्त उपचारों में से कोई भी उपचार कारगर नहीं हो पा रहा हो और दर्द जलन आदि कम नहीं हो रहे हों, तो आपको वह मधुमक्खी के डंक को डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है.मधुमक्खी के डंक का उपचार और उसके लक्षण

मधुमक्खी के डंक के लक्षण (Honey Bee Sting Symptoms)

मधुमक्खी का डंक काटे हुए स्थान पर बहुत दर्द पैदा करता है. इसके लक्षण हालाँकि इसके डंक से शरीर में गये विष पर निर्भर करता है. शुरुआती समय में इसके दर्द के साथ काटे हुए स्थान पर जलन और खुजली होती है. कई बार शरीर के जिस भाग में मधुमक्खी का डंक मौजूद होता है, वह लाल हो जाता है. हालाँकि मधुमक्खी के डंक से किसी विशेष तरह का रोग आदि नहीं होता है, किन्तु कुछ लोगों को मधुमक्खी के डंक से एलर्जी जैसी शिकायत हो सकती है. यह एलर्जी काफ़ी नुकसानदायक होती है, जिस वजह से nausea जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं.

  • एलर्जी के लिए ब्लड टेस्ट : मधुमक्खी के काटने पर होने वाले एलर्जी का स्तर जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराना पड़ता है. इस ब्लड टेस्ट में रक्त में IgE एंटीबाडी का स्तर देखा जाता है.
  • स्किन प्रिक टेस्ट : मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर स्किन प्रिक टेस्ट करके भी एलर्जी के स्तर का पता लगाया जाता है. इस टेस्ट के दौरान मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर विभिन्न तरह के वेनोम को भी प्रवेश कराया जाता है. यह प्रक्रिया सस्ती और आसान है, किन्तु इसमें anaphylaxis होने की बहुत अधिक संभावना रहती है. यह टेस्ट कई एलर्जी स्पेशलिस्ट द्वारा आजमाया गया है, और इसे gold standard का नाम दिया गया है. इसके बाद ये आवश्यतानुसार एलर्जी की दवा दे पाते हैं.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top